‘एकता में अनेकता, भारत की विशेषता’ ‘Unity in diversity, India’s specialty’

Dhwani Goel, Contributor, The Netherlands

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इस सिद्धांत में विश्वास रखने वाला देश दरअसल बहुत आधारों पर विभाजित है| इनमें से एक है भाषाओं की विविधता| भारत में अनगिनत भाषाएं है जिनमें से हिंदी भाषा सबसे प्रचलित और सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है| हर भाषा एक अलग संस्कृति और विभिन्न रीती-रिवाज़ों की झलक देती है| भारत में तक़रीबन १२२ प्रमुख भाषाएं और १५९९ अन्य भाषाएं और बोलियां है1| मगर कुल २२ भाषाएं संविधान द्वारा पहचानी गयी है, जैसे की – बंगाली, गुजराती, मराठी, तमिल, पंजाबी, और संस्कृत| १९६३ के आधिकारिक भाषा नियम के अनुसार हिंदी और अंग्रेज़ी में केंद्रीय सरकार के कार्य किये जाते है2| भारत में किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का पद नहीं दिया गया है|

The country that believes in this principle, in reality, remains divided in many aspects. One of these is the diversity of languages. India is home to countless languages, among which Hindi is the most prominent and widely spoken one. Each language reflects a different culture and variety of traditions. India has about 122 major languages and another 1599 languages and dialects. But there is a total of 22 languages recognized by the constitution, such as Bengali, Gujarati, Marathi, Tamil, Punjabi, and Sanskrit. According to the Official Languages Act of 1963, the central government’s workings take place in Hindi and English. No language has been recognized as the ‘National Language’ in India.

भाषाओं की यह विविधता हमारे समाज पर एक अभिशाप सा बन गयी है| राष्ट्रीय एकता की भावना में बाधा डालने के साथ इसने भारतीयों में स्पर्धा और उच्चता की मनोभावनायें जगाई है| यह अंतर शायद अंग्रेज़ी और हिंदी की ओर हमारी भावनाओं में सबसे ज़्यादा झलकता है| कोई भी भारतीय इस सोच से वंचित नहीं होगा की अंग्रेज़ी बोलना एक सभ्य और शिक्षित व्यक्ति की निशानी है| चाहे कोई व्यक्ति कितनी ही ख़राब हिंदी बोले, मगर अगर वो अंग्रेज़ी में कुशल है, तो उस व्यक्ति को समाज अधिकतम सम्मान और प्रशंसा से न्योछावर करता है| यही कारण है कि आज भारतीय नौजवान हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के प्रयोग को छोड़ अंग्रेज़ी को अपना रहे है| अंग्रेज़ी आधुनिकता और प्रतिष्ठा से जुड़ गयी है| हमारी अपनी भाषाओं और उनसे जुडी संस्कृति का भविष्य चिंताजनक है|

This diversity of languages has, in a way, become a curse on our society. Apart from becoming an obstacle in our sense of national unity, it has ignited feelings of competition and superiority among Indians. This distinction can be reflected in our feelings towards the use of English and Hindi. Most Indians are aware of the notion that speaking English is a sign of being civilized and well-educated. No matter how bad a person’s Hindi is, if they are proficient in English, the society showers them with utmost esteem and appreciation. This is the reason why Indian youth today is abandoning the use of Hindi and other Indian languages, to embrace English. English has become synonymous with modernity and pride. The future of our own languages and the culture they carry has become worrisome.

चौंका देनी वाली बात तो यह है कि यह भाषायी विभाजन भारतीय भाषाओं में भी नज़र आता है| भारत के हर राज्य में एक अलग भाषा बोली जाती है, जिस कारण लोग राष्ट्रीय पहचान से ज़्यादा क्षेत्रीय पहचान को महत्त्व देते है| राजनैतिक दल इस स्तिथि का फायदा उठाते हुए आग में घी झोकने का काम करते है| तमिल नाडु के राज्य में हिंदी के ख़िलाफ़ काफ़ी नकारात्मक दृष्टिकोण झलकते है, क्योंकि यहाँ हिंदी भाषा के पढ़ाये जाने या उसे राष्ट्रीय भाषा का पद देने के ख़िलाफ़ काफ़ी दंगे हो चुके है3| तमिल वक्ताओं का मानना है कि हिंदी ना बोलना उन्हें कुछ कम भारतीय नहीं बनाता है| यह विवाद हाल ही में एक बार फिर छिड़ गया था, जब भारतीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने यह ऐलान करा कि उनकी सरकार हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक पहचानी भाषा बनाने का प्रयास कर रही है|

It is shocking that this linguistic divide is also evident within Indian languages. A different language is spoken in every Indian state, which has elevated the importance of a regional identity instead of a national identity among people. Political parties take advantage of this situation by fueling this regionalism. Negative perceptions of Hindi are reflected sharply in the state of Tamil Nadu, where there has been several riots against making Hindi a compulsory subject at schools and granting it the status of national language. Tamil speakers believe that not speaking Hindi does not make them any less of an Indian. This debate was recently revived when Indian foreign minister Mrs. Sushma Swaraj declared that her cabinet was trying to make Hindi an official language at the United Nations.

संसद के सदस्य श्री शशि थरूर का कहना था कि ऐसा करने से भविष्य के प्रधान मंत्रियों, जो शायद तमिल नाडु या बंगाल से हो, पर हिंदी सीखने का दबाव पड़ेगा| उन्होंने ये भी कहाँ कि हिंदी केवल एक देश, यानी भारत कि आधिकारिक भाषा है, जिस कारण इसे संयुक्त राष्ट्र में पहचान दिलाने का कोई अर्थ नहीं| मगर श्रीमती सुषमा स्वराज ने इस बात को “अज्ञानता” का नाम देते हुए कहाँ कि हिंदी भाषा फिजी में भी आधिकारिक भाषा है, और अन्य देश जैसे सूरीनाम, मॉरिशस, त्रिनिदाद और टोबैगो, और नेपाल में विशाल स्तर पर बोली जाती है| प्रवासी भारतीय भी हिंदी बोलते है| लोगों का कहना था कि हिंदी भाषा के संयुक्त राष्ट्र में पहचाने जाने से भारत में हिंदी के गैर वक्ताओं की महिमा को ठेस पहुंचेगी| और तो और हिंदी भाषा भारत की पहचान नहीं बन सकती|

Member of Parliament Mr. Shashi Tharoor argued that doing so shall pressurize future prime ministers to learn Hindi, who may belong to Tamil Nadu or Bengal. He further added that Hindi is the official language of only one country, India, which means that making it an official UN language makes little sense. Mrs. Sushma Swaraj termed this as sheer “ignorance”4, stating that Hindi is also an official language in Fiji, and is widely spoken in many other countries like Suriname, Mauritius, Trinidad and Tobago, and Nepal. Non-resident Indians also speak Hindi. Many people argued that making Hindi an official UN language will harm the pride of non-Hindi speakers in India. Moreover, Hindi cannot become the defining element of Indian identity.

हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने में कितनी भलाई है, यह तो मैं नहीं जानती| मगर यह सोचने वाली बात है कि विश्व में तीसरी सबसे ज़्यादा बोले जाने वाली भाषा5 अभी तक अपने देश और विश्व में वह सम्मान नहीं प्राप्त कर पायी है जिसकी वह हकदार है| गाँधी ने जिस भाषा में दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाया, वही भाषा आज भारतीयों ने अस्वीकार कर दी है| क्षेत्रीय पहचान के महत्त्व को जानना आवश्यक है, मगर इसकी कीमत हमारी एकता और राष्ठ्रीय पहचान नहीं होनी चाहिए| क्या भारत में भाषायी विभाजन इतना ताकतवर है कि हमारी एक भाषा को दुनिया भर में पहचान मिलने से बाकि भाषाओं के वक्ताओं को आपत्ति होगी? लगता तो यही है!

I do not know what good will come from making Hindi an official language at the United Nations. But it is worth thinking why the third most widely spoken language in the world has not received the honor it deserves from its own country and the rest of the world. The language in which Gandhi taught this world the lesson of non-violence has come to be widely disregarded by Indians. It is important to acknowledge the significance of regional identity, but it should not cost us our unity and national identity. Is the language divide in India so strong that the worldwide recognition of one of our languages causes speakers of other languages to object against it? Looks like this is the reality!

 

Glossary

अनेकता                    Diversity

अनेक                    Various, many

विशेषता                Speciality, trait, characteristic

सिद्धांत                    Principle, ideology, doctrine

विश्वास                    Belief, assurance

दरअसल                In reality, in fact

विविधता                Diversity of

अनगिनत                Countless

प्रचलित                    Prominent, prevalent

आधारों                     Bases, Aspects

आधार                    Base, basis, foundation of

विभाजित                Divided

विभाजन                Divide, partition

रीती-रिवाज़ों                Variety of traditions,

रिवाज़                    Tradition, custom

तक़रीबन                About

अन्य                    Another, other, else

मगर                     But

द्वारा                     By

आधिकारिक                 Official, authoritative, formal

अनुसार                     According

केंद्रीय                    Central

राष्ट्रीय                     National

विविधता                 Diversity of

समाज                    Society, civilisation, association

अभिशाप                Curse, blight, scourge

भावना                     Sense of, feeling, spirit

बाधा                     Obstacle, hurdle, barrier

स्पर्धा                     Competition

उच्चता                     Superiority

मनोभावनायें                Feelings

मनोभाव                Feeling of, sentiment

अंतर                     Distinction, contrast

शायद                     Probably, perhaps

झलकता                 Reflected

झलक                    Reflection of, spark of, glimmer of

वंचित                     Disadvantaged, deprived, unaware

सभ्य                    Civilised, cultivated

शिक्षित                     Educated

व्यक्ति                    Person, individual *

निशानी                 Notion, impression, token

अगर                     If

अधिकतम                  Upmost, maximum

सम्मान                    Estem, honour, respect

प्रशंसा                    Appreciation, admiration

न्योछावर                To shower something, gift, sacrifice

प्रयोग                    Use of, usage, experiment

आधुनिकता                 Modernity

आधुनिक                Modern, present-day

प्रतिष्ठा                     Pride, prestige, standing

जुडी                    Attached, associated

संस्कृति                    Culture

भविष्य                     Future

चौंका                    Shock, startle

नज़र                     Glance at, look

अलग                     Different, apart from, seperate

पहचान                  Identity, recognition, identification *

क्षेत्रीय                    Regional, territorial

महत्त्व                    Importance, worth

दल                      (political) Party, lobby, team, group

स्तिथि                     Situation, status, position

फायदा                     Advantage, benefit from, profit            ख़िलाफ़                    Against, turn against

नकारात्मक                 Negative

दृष्टिकोण                Perception, standpoint

वक्ता                    Speaker

विवाद                    Debate, dispute, controversy

छिड़                     Revived, sprinkled with

विदेश                     Foreign, abroad

ऐलान                    Declared, proclaimed

प्रयास                     Trying, effort, have a shot at

संसद                     Parliament

ऐसा                     That, so

केवल                    Only

अज्ञान                    Ignorance, incomprehensible

ज्ञान                    Knowledge

विशाल                    Widely, at large, enormous *

प्रवासी                    Expatriate, immigrant (NRI)

महिमा                     Pride, glory

तीसरी                     Third

सम्मान                     Honour, homage, regard

प्राप्त                     Receive, obtain, gain

ताकतवर                 Strong, powerful

आपत्ति                      Objection, challenge, quibble

 

* See dictionary for more definitions

Source:

Collins English-Hindi dictionary

https://www.collinsdictionary.com/dictionary/english-hindi

Reference list

https://www.traveldudes.org/travel-tips/india-country-over-22-languages/9384

https://en.wikipedia.org/wiki/Languages_of_India

https://en.wikipedia.org/wiki/Anti-Hindi_agitations_of_Tamil_Nadu#Agitation_of_2014

https://www.quora.com/Has-the-division-of-the-India-into-linguistic-states-served-it-well

http://rajbhasha.nic.in/en/official-languages-act-1963

https://www.youtube.com/watch?v=HozqzN26lLg

https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_languages_by_total_number_of_speakers

 

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